26 अगस्त 2009

मुल्ला नसरुद्दीन

मुल्ला नसरुद्दीन अपन बेटे को राजनीती की शिक्षा दे रहा था उसने अपने बेटे से कहा चढ़ जा सीढ़ी पर बेटा चढ़ गया ,जब वो पूरी सीढ़ी चढ़ गया तो मुल्ला बोला अब बेटा कूद जा मैं तुझे संभाल लूँगा बेटा थोड़ा डरा सीढ़ी ऊँची कही बाप चुक गया तो हाथ से छुट गया तो कहीं हाथ पर ना गिरे यहाँ वहां गिर जाये तो हाथ पैर टूट जाएँ बेटे को डरता देख कर नसरुद्दीन के कहा अरे तुझे अपने बाप पर भरोसा नहीं अरे नालायक जब मैं मौजूद हूँ तो तू क्यों डर रहा है डरपोक कायर कहीं के कूद जा
जब बहुत ही उसको उकसावा दिया,बढ़ावा दिया लानत मलानत की उसकी तो आखिर बेटा बेचारा क्या करे आखं बंद करके सांस रोककर ले कर परमात्मा का नाम कूद गया और जब कूदा तो नसरुद्दीन पीछे हट गया वो धडाम से गिरा दोनों घुटने छिल गए रोने लगा नसरुद्दीन ने कहा:रो मत,बेटे ने कहा आप पीछे क्यों हट गए नसरुद्दीन ने कहा बेटा तुझे राजनीती सिखा रहा हूँ कभी अपने सगे बाप का भी भरोसा मत करना ये पहला पाठ
फिर एक दिन बेटा स्कूल से लौटा-कपडे फटे,चेहरे पर नाखूनों के निशान किसी से झगडा हो गया
उसको समझाना बुझाना तो दूर रहा नसरुद्दीन ने उसकी और कुटाई कर दी बेटा कहने लगा हद हो गयी
सहानभूति तो दूर आप और पिटाई कर रहे है नसरुद्दीन ने कहा यह बात ठीक नहीं है इससे पाठ लो लडाई झगडा ठीक नहीं है इस दुनिया में अगर जीना है तो लडाई झगडे से नहीं जी सकोगे तरकीब से जीओ होशियारी से जीओ,सामने वाले की जेब भी काटो तो उसको लगे कि उसके ही हित में काट रहे है किसी कि गर्दन भी काटो तो उसकी ही सेवा में उसके ही शुभ के लिए
दुसरे दिन लड़का लौटा न तो पिटा था न कपडे फटे थे लेकिन आज जो अंक मिले थे उसको वो कम थे बस नसरुद्दीन ने उसकी पिटाई कि और कहा कि अगर अभी से फिस्सडी रहा तो जिंदगी में क्या करेगा हमेशा नम्बर एक होना चाहिए अभी से नम्बर एक का अभ्यास रखेगा तो कभी प्रधानमंत्री बनेगा अच्छी कुटाई कि उसकी नम्बर अच्छे आना चाहिए नम्बर एक आना चाहिए तुझे क्लास में,चाहे चोरी कर,बेईमानी कर,चाहे नक़ल कर इससे कोई प्रयोजन नहीं साधन का कोई सवाल नहीं है साध्य शुभ होना चाहिए बस
दुसरे दिन बेटे ने वही किया बढ़िया नक़ल पट्टी की फर्स्ट आया क्लास में बड़ा खुश चला आ रहा था आज मार पीट भी नहीं की और कपडे साफ़ सुथरे और प्रमाण पत्र भी ला रहा था कि आज प्रथम आया है मगर नसरुद्दीन ने आव देखा न ताव और उसकी पिटाई कर दी अब बेटे को को तो बहुत गुस्सा आया वो कहने लगा आज आप क्यों मार रहे हैं कपडे भी नहीं फटे,पिटा भी नहीं,नम्बर भी अच्छे आयें हैं
नसरुद्दीन ने कहा बेटा इस पिटाई से एक पाठ सीखो कि इस दुनिया में अन्याय ही अन्याय है न्याय कही भी नहीं

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