12 मई 2011

बाल श्रम का अधिनियम इनके उपर क्यों नहीं लगता

आज कल टीवी में कई सीरियल ऐसे चल रहे हैं जिसमें छोटे छोटे बच्चे काम कर रहें हैं ऐसे बच्चों को काम करते देख कर इतना गुस्सा आता है कि क्या बताएं आपको, जी में आता है ऐसे डायरेक्टरों को गर्म तवे में बिठा कर ..........
क्या करें मन की बात मन में ही वरना इस देश का कानून ऐसा है कि मरे हुए को भी फाँसी दे दे अदालत का अगर फुल फार्म आपको बताएँ तो आप भी आश्चर्य करेंगे
अ=आओ
दा=दावा करो
ल=लड़ो
त=तबाह हो जाओं
खैर जाने दीजिये ये जो बाल कलाकार सीरियल में काम कर रहें है इनको पैसा भी मिलता है तो क्या ये बाल श्रम अधिनियम के अतंर्गत नहीं आते, जो बच्चे होटल, कारखाने ,गैरेज आदि में काम करते उनके उपर तो दुनिया भर का नियम लगाते हैं पर जो सीरियल में काम कर रहें हैं वो ? लंबे-लंबे डायलाग याद करते हुए उनको प्रताड़ित किया जाता होगा तो ?जो बच्चा अपने कोर्स ठीक से याद नहीं कर पाता वो कैमरे को फ़ेस करके डायलाग कैसे बोलता होगा, इनको किस बात की कमी होगी अच्छे से अच्छे स्कुल में पढ रहे होंगे माँ बाप के पास पैसे की कमी नहीं होगी। लेकिन जिनके पास पहनने के लिये कपड़े नहीं है, अपना पेट भरने के लिये एक वक्त का खाना नहीं है
वो अगर कहीं जा कर काम करते हैं तो इत्ते कानून बाप रे बाप ।
अगली पोस्ट जल्द ही ,फिर मिलेंगे

1 टिप्पणी:

  1. जनाब...यह एक कटु सत्य है कि इस देश में रसूखदारों के लिये क़ानून के कोई माएने नहीं है...यहाँ सारे क़ायदे-क़ानून सिर्फ और सिर्फ उन लोगों की ज़त में है..जो इन पर भरोसा करते हैं...आपने एक गंभीर मसला उठाया है...साधुवाद आपको...

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