25 मई 2009

इंसान

हर तरफ़ चल रही गोलियां है,हर दिशा में बम के धमाके है

हर तरफ़ बारूद की गंध है,हर तरफ़ दरवाज़ा आज बंद है

हर तरफ़ बिक रहा प्यार है ,हर तरफ़ बिक रहा इंसान है
सितम सह के भी चुप हो जाओ, वरना मच रहा बवाल है

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