चंडूखाना
25 मई 2009
इंसान
हर तरफ़ चल रही गोलियां
है,
हर दिशा में बम के धमाके है
हर तरफ़ बारूद की गंध
है,
हर तरफ़ दरवाज़ा आज बंद है
हर तरफ़ बिक रहा प्यार है ,हर तरफ़ बिक रहा इंसान है
सितम सह के भी चुप हो
जाओ,
वरना मच रहा बवाल है
1 टिप्पणी:
Anil Pusadkar
26 मई 2009 को 9:37 am बजे
सही कह रहो हो सच मे देश का यही हाल है।
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सही कह रहो हो सच मे देश का यही हाल है।
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