21 मई 2009

दोस्तों राम राम
आज बहुत दिनों बाद लिख रहा हूँ अब आप कारण पूछेंगे तो पहला कारण तो ये है कि एक तो हमें समय नही मिला और जब समय मिला तो हमें जाना पड़ा लख्ननऊ खैर ये सब तो चलता रहेगा
आज मैं आपको और किसान भाइयो को फसल बीमा के बारे में बताता हूँ हालाँकि ये सब बताने वाले तो बहुत हैं लेकिन कौन बताये के चक्कर में कोई नही आता यही कुर्सी का काम है ये कुर्सी भी आदमी को निकम्मा बना देती है या तो निकम्मों को कुर्सी मिल गई है
तो जानिए फसल बीमा के बारे में :-पहले जान लेते है कि फसल बीमा क्या होता है
१.किसी भी आपदा से होने वाली फसलीय हानि कि स्थिति में किसान के नुकसान की भरपाई के लिए राष्ट्रीय कृषि योजना कि स्थापना की गई .
इस योजना के निम्न उद्देश्य हैं
  • प्राकृतिक आपदा, कीट या बीमारी से बरबाद होने वाली अधिसूचित फसलो को बीमा का लाभ और वित्तीय समर्थन देना
  • किसानो को खेती के हाई टेक तरीको को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना

ये योजना देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशो में उपलब्ध है जो राज्य या संघ शासित प्रदेश योजना में शामिल होने का विकल्प चुनते है उन्हें योजना में शामिल की जाने वाली फसलो की सूची तैयार करनी होती है

अधिसूचित क्षेत्रो में अधिसूचित फसल उगने वाले सभी किसान ,बटाईदार किरायेदार शामिल है

इसमे वो किसान भी आते है जो विभिन्न वित्तीय संस्थाओ से कर्ज ले कर खेती कर रहे हैं निम्नलिखित खतरों के कारण फसल बीमे की जरुरत पड़ी आग, आंधी ,भूकंप ,बाढ़ ,सुखा ,कीट ,बीमारी लेकिन युद्घ, परमाणु युद्घ ,ग़लत नीयत तथा अन्य नियंत्रण योग्य खतरों से हुए नुक्सान को इससे से बाहर रखा गया

बीमित राशिः के कवरेज की सीमा- बीमित किसान के विकल्प से सकल उत्पाद बीमा राशिः को बढाया जा सकता है ये कीमत १५० प्रतिशत तक जा सकती है शर्त यही है की फसल अधिसूचित हो और किसान वाणिज्यिक दर पर प्रीमियम का भुगतान करने को राजी हो .कर्जदार किसानों के मामले में बीमित राशि फसल के लिए ली गयी अग्रिम राशि के बराबर हो.

प्रीमियम की राशिः -खरीफ की फसलो बाजरा व तिलहन के लिए कुल बीमा धन का ३.५% या वास्तविक जो कम हो ,अनाज या दाल के लिए कुल बीमा धन का २.५% या वास्तविक जो कम हो

रबी की फसल के लिए - गेंहू के लिए बीमा धन का १.५% या वास्तविक जो कम हो अन्य फसल (अनाज व दाल) के लिए बीमित राशिः का २% या वास्तविक जो कम हो

लघु या सीमान्त किसानो को प्रीमियम में ५०% तक का अनुदान दिया जाता है

ज्यादा जानकारी के लिए इस लिंक में क्लिक कीजिये

http://www.indg.in

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